MGSU SEMESTER EXAMS SYLLABUS 2024 दिशा निर्देश : कितने प्रश्न आएंगे? कितने पेपर होंगे ? पेपर कब होंगे ? सम्पूर्ण जानकारी |
mgsu semester system exams details |
महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी : समस्त महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय विभागों एवं छात्रों के लिए निर्देश
MGSU सेमेस्टर कितने माह का होगा व कब से लागू होगा ?
विश्वविद्यालय से संबद्धतता प्राप्त समस्त महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय विभागों में स्नातक स्तर (बी.ए./बी.एससी./बी.कॉम./बी.सी.ए./बी.बी.ए./बी.एफ.ए./बी.ए. ऑनर्स /बी.लिब. / बीपीएड) पर सत्र 2023-2024 से सैमेस्टर प्रणाली से परीक्षा आयोजित करवाई जायेगी। सैमेस्टर प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को छः माह में सैमेस्टर की परीक्षा में प्रविष्ठ होना होगा तथा सभी सैमेस्टर उत्तीर्ण करने पर उपाधि प्रदान की जायेगी।
MGSU Semester System Exam Pattern : एमजीसीयू सेमेस्टर सिस्टम एग्जाम पैटर्न
स्नातक स्तर प्रथम सैमेस्टर की परीक्षा में 40 बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQ) से आयोजित की जायेगी। प्रश्न-पत्र हल करने के लिए 01 घंटा 30 मिनट का समय दिया जाएगा। प्रायोगिक विषय के सैद्धांतिक प्रश्न-पत्र में प्रत्येक प्रश्न का अंकभार 01 अंक होगा तथा प्रत्येक प्रश्न-पत्र का पूर्णांक 40 अंक होगा। गैर प्रायोगिक विषय के सैद्धांतिक प्रश्न-पत्र में प्रत्येक प्रश्न का अंकभार 1.5 अंक होगा तथा प्रत्येक प्रश्न-पत्र का पूर्णांक 60 अंक होगा।
MGSU Semester System Syllabus : MGSU Semester Wise Syllabus
• परीक्षार्थियों को बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर ओ.एम.आर. शीट में देने होंगे। प्रत्येक प्रश्न-पत्र में प्रश्न के 05 विकल्प (ABCDE) दिए जायेंगे। प्रश्न का उत्तर प्रथम चार विकल्प (ABCD) में से चयन करना होगा तथा सही विकल्प ओ.एम.आर शीट में भरना होगा। यदि आप प्रश्न का उत्तर नहीं दे रहे है तो पाँचवा विकल्प (E) अवश्य भरें अन्यथा आपका ओ.एम.आर. चैक नहीं किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रश्न-पुस्तिका के साथ दिए गये अन्तिम खाली पृष्ठों पर रफ, कार्य किया जा सकता है।
• प्रश्न-पत्र शुरू करने से पहले ओ.एम.आर. शीट और प्रश्न-पुस्तिका पर चाही गई जानकारी अवश्य भरें तथा परीक्षा समाप्त होने के उपरांत ओ.एम.आर. शीट वीक्षक को अवश्य रूप से जमा करवाएं।
• प्रश्न-पत्र में Easy, Moderate व Hard प्रश्नों का स्तर होगा। गलत उत्तर के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं है।
नियमित विद्यार्थियों का विषय अनुसार आंतरिक मूल्यांकन होगा। नियमित व स्वयंपाठी विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा महाविद्यालय स्तर पर आयोजित की जायेगी जिसमें बाह्य परीक्षक की नियुक्ति विश्वविद्यालय द्वारा नहीं की जायेगी। प्रायोगिक परीक्षा हेतु उत्तरपुस्तिका विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाई जायेगी तथा विश्वविद्यालय द्वारा जारी समयावधि में ही प्रायोगिक परीक्षा संपन्न करवाई जाएं।
• स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन के अंक उनके सैद्धांतिक प्रश्न-पत्र में प्राप्त अंक के आनुपातिक आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
• पूर्व छात्र (Ex-Student) को सैमेस्टर की परीक्षा में सम्मिलित होना है और इनके आंतरिक मूल्यांकन व प्रायोगिक परीक्षा महाविद्यालय स्तर पर आयोजित होगी।
• सैमेस्टर के अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी की परीक्षा पूर्व में प्रचलित पद्धति अतिलघूरात्मक, लघूरात्मक एवं निबंधात्मक के आधार पर होगी। अनिवार्य विषय में आंतरिक मूल्यांकन नहीं होगा।
• पूर्व वर्षों के स्नातक प्रथम वर्ष के अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी भी सैमेस्टर पद्धति से परीक्षा में पुनः सम्मिलित होंगे।
• सैमेस्टर पद्धति में कोई पेपर बकाया (ड्यु) रहने की स्थिति में वह बकाया पेपर उसी सैमेस्टर की आगामी परीक्षा के साथ देना होगा।